सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Current 7 August

  • हाल ही में 16 देशो के क्षेत्रीय व्यापक , आर्थिक साझेदारी में शामिल होने के लिए भारत एक बार फिर से बिचार कर रहा है।  क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी का विरुद्ध कई उधोग एंव मंत्रालय द्वारा किया गया। क्योकि इस सनझौते के द्वारा भारत का व्यापार घाटा बढ़ा है। 
  • हाल ही में भारत में HIV मामलो की संख्या लगातार गिराबट आई है।  लेकिन स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण के अनुसार मेघालय , मिजोरम तथा त्रिपुरा HIV के नए होटस्पोट के रूप में उभरे है।  HIV के  उपचार में ART थेरेपी की जाती है। 
  • हाल ही में अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबन्ध लगा दिये है।  अमेरिका का मानना है कि आर्थिक दबाव के कारण ईरान नये समझौते के लिए तैयार हो जायेगा।  और अपनी हानिकारक गतिविधियों पर प्रतिबन्ध लगा देगा।  अमेरिका ने यह चेतावनी दी की कोई कंपनी या देश इन प्रतिबंधों का उल्लघन करेगा तो उन्हें इसके गंभीर परिणाम का सामना करना पड़ेगा 
  • हाल ही में वाणिज्य मंत्रालय की संसदीय स्थाई समिति ने राज्य सभा में पेस की गई एक रिपोर्ट  कहा कि RBI द्वारा ब्यापार ऋणों  के लिए जारी किये जाने वाले LOU (Letter of  undertaking ) , LOC (Letter of credit) को बंद करने  निर्णय  लिया , इस समिति ने इस सुविधा को बाहल करने की सिफारिस की। 
  • भारत के अंदमान -निकोबार और लक्ष्यव्दीप के विकाश के लिए योजना तैयार की।  अंड़मार -निकोबार में कुल व्दीपो की संख्या 576 है।  जिसमे से कुछ व्दीपो पर मानव निवास करते है। 
  • हाल ही में भारतीय सेना और थायलैंड आर्मी के बीच 6-19  अगस्त तक मैत्री नामक युद्ध अभ्यास आयोजित किया जा रहा है। 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

NON-CHORDATA

जन्तु जगत ---  जंतुजगत के अंतर्गत बहुकोशिकीय, यूकेरियोटिक  कोशिका वाले जीव आते है।  इनमे क्लोरोफिल नहीं पाया जाता है यह विषमपोषी होते है।  इनमें  कोशिका भित्ति का अभाव होता है यह भोजन को निगल कर खाते हैइनमे भोजन ग्लाइकोजन के रूप में संचित रहता है।  जंतु  जल , थल , वायु तीनो जगह पाए जाते है।  जन्तुओ को कशेरुक दंड की उपस्थिति एवं अनुपस्थिति के आधार पर दो उपजागतो में बांटा गया है।  (1) कशेरुकी (कोर्डेटा )  (2) अकशेरुकी ( नॉन - कोर्डेटा ) अकशेरुकी ( नॉन - कोर्डेटा ) --- इस संघ में ऐसे जन्तुओ को रखा गया है जिनके जीवन काल में कशेरुक दंड नहीं पाया जाता है इसके अंतर्गत आने वाले जीवो को 10 संघो में बांटा गया है। (1)  पोरीफेरा -- इस संघ के अंतर्गत असंख्य छिद्र वाले जंतु आते है।  जिन्हे स्पंज कहते है।  यह जल में पाए जाते है। उदा. -- स्पोंजिला , साइकेन , युस्पंजिला  , युलेक्टेला , ओस्केरेला  आदि। (2)  प्रोटोजोआ --  इसका हम प्रॉटिस्टा जगत में अध्ययन कर चुके है।  उदा. -- अमीबा , युग्लीना  ...

PADAP JAGAT NOTES BY SHAILENDRA SIR

पादप जगत --- पादप जगत के अंर्तगत स्वंयपोषी जीव आते है।  ये भूमि एवं जल में पाए जाते है।  यह मुख्यतः 5 प्रकार के होते है- (1.) ब्रायोफाइटा   (2.) टेरीडोफाइट  (3.) शैवाल  (4.) आवृतबीजी पौधे   (5.) अनावृतबीजी पौधे ब्रायोफाइटा --- यह नम एवं छायादार स्थानों पर उगते है यह चट्टानों , दीवारों आदि स्थानों पर पाए जाते है। इन्हे  पादप जगत का उभयचर कहा जाता है इनमे संवहनीय ऊतक नहीं पाए जाते है। उदाहरण - रिक्सिया , मारकेंसिया , एंथोसेरोस , स्फेगनम टेरीडोफाइट -- यह भी नम एवं छायादार भूमि पर उगते है इनमे संवहनीय ऊतक पाए जाते है। उदहारण - मार्शिलिया , लाइकोपोडियम , रायनिया , सिलेजिनेला शैवाल ---  ;शैवालों के अध्ययन को फाइकोलॉजी कहा जाता है।  शैवाल विज्ञानं के पिता F. E. फ्रिश्च को कहा जाता है आधुनिक फाइकोलॉजी के पिता M.D.P. अायंगर को कहा जाता है।  शैवाल जलीय पादप है।  यह स्वस्छ एवं समुंद्री दोनों प्रकार के जल में  पाए जाते है।  यह सुकायत (थेलेकोईड ) होते है।  इनमे भोजन स्टार्च के रूप में एकत्रित रहता है।  शैवालों की...

BIOLOGY NOTES BY SHAILENDRA SIR..