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  1. हाल ही में भारत ने चीन और मलेशिया से आयतित सौर सेल पर 2 साल के लिए सूरक्षात्मक शुल्क  लगाया है ,जो 12 महीने तक 25 %तथा अगले 6 महीने तक 20 % रहेगा। 
  2. जलवायु परिवर्तन से सम्बन्धित प्रतिब्धताओ को पूरा करने से B E E ने देश का पहला राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक तैयार किया। 
  3. हाल ही  राजस्थान जैव ईंधन नीति लागू करने वाला पहला राज्य बना। 
  4. हाल ही में असम में N R C की दूसरी और आखिरी रिपोर्ट जारी कर दिया गया है। 2 . 90 करोड़ राज्य के वैध नागरिक है। तथा 40 लाख लोग अपनी नागरिकता प्रस्तुत करने में नाकायाब रहे है। 
  5. हाल ही दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायधीश जी रोहिणी की अध्यक्षता में अन्य पिछड़ा वर्ग के उपवर्गीकरण की जाँच करने के लिए गठित आयोग ने महत्पूर्ण रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए नवम्बर तक का समय माँगा। 
  6. हाल ही में किए गए शोध से पता चला कि किंग पेंगुइन की संख्या में 90 % तक कमी देखि गई।                  
  7. हाल ही में वैज्ञानिकों द्वारा पार्किंसन रोग का पता लगाया गया है। यह तंत्रिका सम्बन्धी एक चिरकालीन  विकार है। 
  8. हाल ही में महाराष्ट्र के ध ंगर समुदाय ने स्वयं को ढांगद आदिवासी का भाग बताया और अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मांग क्र रहे है। 
  9. हाल ही में म.प्र. सरकार द्वारा उद्यानिकी प्रोत्साहन योजना लागू करने की घोषणा की है ,इस योजना के तहत प्याज ,लहसुन की फसल के हेतु 400 -800 रुपये प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। 

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NON-CHORDATA

जन्तु जगत ---  जंतुजगत के अंतर्गत बहुकोशिकीय, यूकेरियोटिक  कोशिका वाले जीव आते है।  इनमे क्लोरोफिल नहीं पाया जाता है यह विषमपोषी होते है।  इनमें  कोशिका भित्ति का अभाव होता है यह भोजन को निगल कर खाते हैइनमे भोजन ग्लाइकोजन के रूप में संचित रहता है।  जंतु  जल , थल , वायु तीनो जगह पाए जाते है।  जन्तुओ को कशेरुक दंड की उपस्थिति एवं अनुपस्थिति के आधार पर दो उपजागतो में बांटा गया है।  (1) कशेरुकी (कोर्डेटा )  (2) अकशेरुकी ( नॉन - कोर्डेटा ) अकशेरुकी ( नॉन - कोर्डेटा ) --- इस संघ में ऐसे जन्तुओ को रखा गया है जिनके जीवन काल में कशेरुक दंड नहीं पाया जाता है इसके अंतर्गत आने वाले जीवो को 10 संघो में बांटा गया है। (1)  पोरीफेरा -- इस संघ के अंतर्गत असंख्य छिद्र वाले जंतु आते है।  जिन्हे स्पंज कहते है।  यह जल में पाए जाते है। उदा. -- स्पोंजिला , साइकेन , युस्पंजिला  , युलेक्टेला , ओस्केरेला  आदि। (2)  प्रोटोजोआ --  इसका हम प्रॉटिस्टा जगत में अध्ययन कर चुके है।  उदा. -- अमीबा , युग्लीना  ...

PADAP JAGAT NOTES BY SHAILENDRA SIR

पादप जगत --- पादप जगत के अंर्तगत स्वंयपोषी जीव आते है।  ये भूमि एवं जल में पाए जाते है।  यह मुख्यतः 5 प्रकार के होते है- (1.) ब्रायोफाइटा   (2.) टेरीडोफाइट  (3.) शैवाल  (4.) आवृतबीजी पौधे   (5.) अनावृतबीजी पौधे ब्रायोफाइटा --- यह नम एवं छायादार स्थानों पर उगते है यह चट्टानों , दीवारों आदि स्थानों पर पाए जाते है। इन्हे  पादप जगत का उभयचर कहा जाता है इनमे संवहनीय ऊतक नहीं पाए जाते है। उदाहरण - रिक्सिया , मारकेंसिया , एंथोसेरोस , स्फेगनम टेरीडोफाइट -- यह भी नम एवं छायादार भूमि पर उगते है इनमे संवहनीय ऊतक पाए जाते है। उदहारण - मार्शिलिया , लाइकोपोडियम , रायनिया , सिलेजिनेला शैवाल ---  ;शैवालों के अध्ययन को फाइकोलॉजी कहा जाता है।  शैवाल विज्ञानं के पिता F. E. फ्रिश्च को कहा जाता है आधुनिक फाइकोलॉजी के पिता M.D.P. अायंगर को कहा जाता है।  शैवाल जलीय पादप है।  यह स्वस्छ एवं समुंद्री दोनों प्रकार के जल में  पाए जाते है।  यह सुकायत (थेलेकोईड ) होते है।  इनमे भोजन स्टार्च के रूप में एकत्रित रहता है।  शैवालों की...

BIOLOGY NOTES BY SHAILENDRA SIR..