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CHORDATA


कशेरुकी (कोर्डेटा ) --- इसके अंतर्गत ऐसे जन्तुओ को रखा जाता है।  जिनमे कशेरुक दंड पाया जाता है।  कोर्डेटा के अंतर्गत आने वाले जन्तुओ में बंद परिसंचरण तंत्र पाया जाता है।  इनमे पश्चगुदा पुच्छ (पूछ ) पायी जाती है इनमे हृदय आवरण द्वारा ढका  रहता है।  इनमे अन्तः कंकाल पाया जाता है।  इनको तीन संघो में बांटा  गया है।
 [1]यूरोकॉर्डेटा -   यह समुद्र में पाए जाते हे इनका ह्रदय  नलिकार होता है।                    
                          उदा. एपेंडिकुलेरिया, हार्डमैनिया
[2]सिफेलोसोर्डेटा - इस संघ के जंतु समुद्र में अकेले पाए जाते हे इनमे हृदय नहीं पाया जाता है।
                         यह मछलियों के आकार के  होते हे
                      उदा.इसिमेट्रोन
[3]बर्टीबेटा-     इसके अंतर्गत पाए जाने वाले जन्तुओ में अन्तःकंकाल पाया जाता हे इनका मस्तिष्क                                     क्रेनियम   नामक आवरण   में पाया  जाता हे इन जन्तुओ में ह्रदय उदर स्तर पर  स्थित
                      होता हे
                    इस संघ को निम्न वर्ग में बाटा गया हे
                     1 मतस्य वर्ग 2 उभयचर वर्ग 3 सरीसृप पक्षी वर्ग  5 स्तनधारी वर्ग
1 मत्स्य वर्ग -  इस वर्ग के अंतर्गत जलीय कशेरुकी प्राणी आते हे इनका शरीर शल्को से ढका रहता हे
                       इनमे श्वसन गिल्स द्वारा होता  इस वर्ग  कई उपवर्ग में बाटा गया हे
A- कौंडरीकथीज- इस वर्ग में समुद्री मछली आती हे इस प्रकार  की मछली 20-25 बोल्ट विधुत पैदा करती हे
                          उदा. शार्क, डॉगफिश, हाथिमीन, टाटपीडो
B-ऑस्टिकक्थीज-  इस वर्ग की मछलियों का अंत: कंकाल अस्थि का बना होता हे ये दोनों प्रकार के जल में पाई
                             जाती हे
                            उदा. रोहु, कतला , सिल्ली,  समुद्री घोडा, उड़न मछली, आदि
2 उभयचर -     इसके अंतर्गत उभयचर प्राणी आते हे इस वर्ग को एम्फिया वर्ग भी कहते हे इन जीवो का ह्रदय
                      तीन कोष्ठो का बना होता हे इनमे दो अलिंद और एक निलय होते हे यह श्वशन त्वचा फेफड़े
                      सीलोम द्वारा करते हे
                     उदा. हायला, मेढक, टोड  आदि
3 सरीसर्प -   ये जंतु स्थलवाशी होते हे इन्हे रेप्टीलिया वर्ग के नाम से जाना जाता हे लेकिन इसके कुछ प्राणी
                    जल में भी रहते हे यह जमीन  पर रेंगकर चलते हे इनका ह्रदय भी तीन कोष्ठो का बना होता हे
                    इनके अंडे कैल्शियम युक्त आवरण से ढके रहते हे
                   उदा. सांप, छिपकली, मगरमच्छ, कछुआ , घड़ियाल आदि
  •  सबसे बड़ा और सबसे  जहरीला सांप कोबरा हे 
  •  हेलोड्रमा एक मात्र ऐसी छिपकली हे जिसके काटने से मृत्यु  हो जाती हे 
  • घोसला बनाने बाला सांप नागराज हे 
4 पक्षी वर्ग - पछियो का शरीरबायोबीय जीवा के लिए अनुकुलित होता हे इनमे  श्वसन फेफडे  द्वारा
                   होता हे फेफड़ो में भी वायुकोष पाए जाते हे जो शरीर को हल्का बनाने में सहायक होते हे इनमे                            मूत्राशय अनुपस्थित रहता हे इनका ह्रदय चार कोष्ठो का बना होता हे यह अंडे देते हे
                   अंडो में सफेद एल्ब्युमीन प्रोटीन कैल्शियम युक्त आवरण पाया  जाता हे
  • सबसे बड़ा जीवित पछी शतुरमुर्ग हे 
  • सबसे छोटा पछी हमिंग बर्ड हे 
  •  विश्व का सबसे बड़ा चिड़ियाघर क्रुजर नेशनल पार्क हे जो दक्षिण अफ्रीका में स्थित हे 
  • भारत का सबसे बड़ा चिड़ियाघर जूलॉजीकल गार्डेन कोलकाता में स्थित हे
  • सबसे तीव्र दौड़ने वाला पक्षी लेकिन उड़ नहीं सकता -कीवी एेमु 
 5  स्तनधारी  -यह मुख्यत स्थलीय जंतु होते हे लेकिन कुछ जलीय एव बायोबीय भी होते हे
                     इनके चार पैर पाए जाते हे लेकिन समुद्री गाय नीली व्हेल के चार पैर नहीं पाए जाते हे इनकी
                     मादाओं में बच्चो को दूध पिलाने के लिए स्तन ग्रंथिया पाई जाती हे इनका पूरा शरीर बालो से
                     ढका रहता हे इनकी त्वचा में तेल एवं श्वेत ग्रथिया पाई जाती हे इनका ह्रदय चार कोष्ठो का बना
                    बना होता हे इनके लाल रक्त कोशिका में केंद्रक का अभाव होता हे
                    स्तनधारी वर्ग को तीन उपवर्ग में बाटा गया हे
A-प्रोटोथीरिया- इसमें अंडा देने वाले स्तनधारी आते हे
                        उदा. प्लेटिपस , एकीडिना
B-मेटाथीरिया -यह उपस्थित बच्चो को जन्म देते हे यह अपने बच्चो को मार्सुपियम थैली में रखते हे
                       उदा. कंगारू
C-युथीरिया -  यह पूर्ण विकसित शिशुओं को जन्म देते हे
                        उदा. मनुष्य
  • स्तनधारी वर्ग में सबसे गर्म रक्त बाला प्राणी बकरी हे 
  • संसार का सबसे बड़ा और भारी जीव नीली व्हेल हे 
  • कपी प्रजातियो  में गोरिल्ला , ओरिंग उटेन आते हे 
  • लगुर कपी  प्रजाति में नहीं आता हे         

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