प्रोटिस्टा जगत ---- प्रोटिस्टा शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग E. H. हेकिल ने किया था। प्रोटिस्टा जगत के अंर्तगत आने वाले जीव जल ,गीली मिटटी , साड़ी -गली कार्बनिक वस्तुओ में पाए जाते है।
जैसे --- अमीबा , पैरामीशियम , युग्लीना
रोग परजीवी
मलेरिया - प्लाज्मोडियम
पायरिया - ऐन्ट अमीबा जिंजिबेलिस
निद्रा रोग - ट्रिपनोसोमा
पेचिस - एन्ट अमीबा हिस्टोलिटिका
कालाजार - लेसमीनिया
जैसे --- अमीबा , पैरामीशियम , युग्लीना
- अमीबा में व्दिखंडन विधि द्वारा प्रजनन होता है।
- प्रॉटिस्टा जगत के सभी जीव एक कोशिकीय , यूकैरियोटिक कोशिका वाले होते है।
- प्रॉटिस्टा जगत को वर्गीकरण का कूड़ादान कहा जाता है।
- डायटम को स्वर्ण शैवाल कहा जाता है।
- मनुष्य की RBC में प्लाज्मोडियम नामक परजीवी पाया जाता है।
रोग परजीवी
मलेरिया - प्लाज्मोडियम
पायरिया - ऐन्ट अमीबा जिंजिबेलिस
निद्रा रोग - ट्रिपनोसोमा
पेचिस - एन्ट अमीबा हिस्टोलिटिका
कालाजार - लेसमीनिया
- मलेरिया का बाहक मादा मच्छर एनाफिलीज है।
- निद्रा रोग का बाहक सी. सी. मक्खी (Tsy -Tsy मक्खी ) है।
- कालाजार का बाहक बालू मंक्खी (सेंड मंक्खी ) है।
- फायलेरिया एक परजीवी रोग है। यह बुचेरिया ब्रंकाफ्टाई द्वारा होता है। इसे फील पांव रोग भी कहते है। इस रोग शरीर अंगो में सूजन आ जाती है
- अतिसार (डायरिया ) एक परजीवी रोग है यह एक्सकैरिस परजीवी द्वारा होता है इसे फैलाने का काम घरेलू मंक्खी करती है। यह परजीवी मनुष्य आंत में घांव कर देता है
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