कोशिका विभाजन
- कोशिका विभाजन द्वारा कोशिकाऐं गुणन या अपनी ही जैसी अन्य कोशिकाओं का निर्माण करती है ,जो जीवों बृद्धि ,विकास एवं निरंतरता को बनाए रखती है।
- कोशिकाऐं विभाजित होकर नई कोशिका बनाती है यह रुडोल्फ बिरचोव का कथन है।
- विभाजित हो रही कोशिकाओं को सर्वप्रथम फ्लैमिंग नामक वैज्ञानिक ने ट्राईट्यूरस मस्कुलोसा सरीसृप में देखा।
- कोशिका विभाजन 3 प्रकार का होता है।
- 1 समसूत्री अथवा कायिक कोशिका विभाजन अथवा माइटोसिस
- 2 अर्द्ध सूत्री अथवा न्यूनकारी कोशिका विभाजन (MEOSIS )
- 3 असूत्री अथवा AMIOTOSIS
यह दो चरणों में होता है
1 केन्द्रक विभाजन -A . इन्टरफ़ेज B . प्रोफेज C . मेटाफेज D .एनाफेज E टीलोफेज 2 कोशिकाद्रव्य विभाजन
- इस विभाजन को सर्वप्रथम स्ट्रासबर्गर नामक वैज्ञानिक ने 1870 में पादप कोशिका में देखा।
- बावेरी तथा फ्लेमिंग ने 1879 में जंतु कोशिका में देखा।
3 . असूत्री विभाजन सरलतम जीवों में पाया जाता है ,इसकी खोज 1855 में रेमक नामक वैज्ञानिक की।
उदा. प्रोटोजोआ
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